ई-रिपोजिटरी(ई-संचयिका)>> हमारे बारे में..
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कम्यूनिकेशन रिसोर्स सेंटर (सी.आर.सी.) संचालनालय, एकीकृत बाल विकास सेवा, महिला बाल विकास, मध्य प्रदेश शासन और डी.एफ.आई.डी के संयुक्त प्रयास से विकसित किया गया एक ऐसा मंच है, जहां पर मुख्य कम्यूनिकेशन संसाधन और टूल्स को प्राप्त किया जा सकता है। कम्यूनिकेशन रिसोर्स सेंटर (सी.आर.सी.) का संचालन और व्यवस्थापन आई.सी.डी.एस, मध्य प्रदेश की संचार शाखा द्वारा किया जा रहा है।
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सी.आर.सी. एक परिचय
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सी.आर.सी. महिला बाल विकास, मध्य प्रदेश शासन के अंतर्गत आई.सी.डी.एस मिशन के तहत् की गई पहल है। जिसे डी.एफ.आई.डी के सहयोग से विकसित किया गया। इसको विकसित करने की प्रक्रिया में एफ.एच.आई. 360 द्वारा मध्य प्रदेश स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रम (एम.पी.एच.एस.आर.पी) के अंतर्गत आई.सी.डी.एस मिशन को तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया।
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सी.आर.सी. के उद्देश्य
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विभाग द्वारा संचालित अभियान और कार्यक्रमों की रणनीति, विवरण, आई.ई.सी. सामग्री व संदर्भ सामग्री की जमीनी अमले तक तीव्रता से पहुँच बढ़ाना।
विभागीय अमले को उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों को साझा करने का मंच उपलब्ध कराना।
विभागीय अमले, लक्षित समूह और आमजन तक आई.ई.सी. सामग्री व संदर्भ सामग्री उपलब्ध करना।
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सी.आर.सी. के घटक
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1-डिस्प्लेयर - संचालनालय के आई.ई.सी कक्ष में आई.ई.सी. संबंधी सामग्री का आकर्षक रूप से प्रदर्शन।
2-सोशल मीडिया - आई.सी.डी.एस मध्य प्रदेश की ई-संचयिका को फेसबुक, ट्वीटर और वाट्स एप से जोड़ा गया है।
3-ई-संचयिका - आई.सी.डी.एस. की डिजिटल लाइब्रेरी का वेब पोर्टल जो कि नॉलेज बैंक की तरह काम करता है। |
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ई-संचयिका के बारे में.....
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आई.सी.डी.एस. की डिजिटल लाइब्रेरी का वेब पोर्टल जो कि नॉलेज बैंक की तरह काम करता है। जिसका उद्देश्य महिला एवं बाल विकास विभाग, अन्य शासकीय व अशासकीय संस्थाओं द्वारा पोषण, स्वास्थ्य, मातृ-शिशु देखभाल व किशोरियों के मुद्दों पर तैयार की गई आई.ई.सी सामग्री को डिजिटल रूप में उपलब्ध करवाना है।
जिससे विभागीय अधिकारी व कर्मचारी, लक्षित हितग्राहीयों, आमजन, शोधार्थी और विकास के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं व व्यक्तियों तक आई.ई.सी सामग्री और संदर्भ सामग्री की पहुंच को बढ़ावा मिल सके। साथ ही उन्हें यह सामग्री एक ही मंच पर उपलब्ध करवाना भी एक मुख्य उद्देश्य है।
ई-संचयिका पर ई- लाइब्रेरी के माध्यम से पूर्णतः इलेक्ट्रॉनिक लाइब्रेरी उपलब्ध है। जिस पर जमीनी स्तर पर काम करने वाले विभागीय अमले, विषय विशेषज्ञ, सामाजिक संस्थाओं और जनसामान्य को स्थानीय संदर्भ आधारित सामग्री कम समय व कम संसाधनों के व्यय पर प्राप्त हैं। ई-फोरम के माध्यम से विभागीय अमले और विषय विशेषज्ञों को अपने अनुभवों, सीखों, विचारों और ज्ञान का आदान प्रदान करने के लिए मंच उपलब्ध है।
साथ ही ई-संचयिका एक नॉलेज बैंक के रूप में भी काम करती है जहां आपको व्यवहार व सामाजिक परिवर्तन के लिए संचार का उपयोग कर तथ्यपरक नियोजन करने में सहयोग मिलेगा। इसके अलावा पोषण, स्वास्थ्य, मातृ-शिशु देखभाल व किशोरियों के मुद्दों पर काम करने वाली संस्थाओं व सामग्री के लिंक भी उपलब्ध है। |
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ई-संचयिका का उपयोग कर सकते हैं-
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1. जनसामान्य, हितग्राही (गर्भवती महिलाएं, माताएं, किशोरियां) और इनके परिवार के सदस्य।
2. विभागीय अमले के कर्मचारी व अधिकारीगण।
3. पोषण, स्वास्थ्य, मातृ-शिशु देखभाल व किशोरियों के मुद्दों पर काम करने वाले विषय विशेषज्ञ, नीति निर्माता, शोधार्थी और अकादमिक व्यक्ति।
4. पोषण, स्वास्थ्य, मातृ-शिशु देखभाल व किशोरियों के मुद्दों पर काम करने वाले एन.जी.ओ. और समुदाय आधारित संगठन (सी.बी.ओ)।
5. त्रि-स्तरीय पंचायतों और स्थानीय नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि।
6. अन्य विभागों के कर्मचारी व अधिकारीगण। |
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