भोपाल। डॉ. अशोक कुमार भार्गव, आयुक्त संचालनालय महिला एवं बाल विकास ने आज स्थानीय जयप्रकाश अस्पताल स्थित गौरवी वन स्टॉप सेन्टर का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गौरवी वन स्टॉप सेन्टर के तहत संचालित विभिन्न गतिविधियों की विस्तार से जानकारी ली तथा उपलब्ध व्यवस्थाओं का अवलोकन किया और कानूनी परामर्श के लिए सेन्टर आई महिलाओं से चर्चा की। निरीक्षण के दौरान आयुक्त डॉ. भार्गव द्वारा सेन्टर में दर्ज प्रकरणों की वस्तुस्थिति की समीक्षा की गई और रिकार्ड का अवलोकन भी किया गया। सेन्टर की प्रभारी द्वारा उन्हें अवगत कराया गया कि अब तक लगभग 4,000 प्रकरण दर्ज किये गए हैं, जिनमें अधिकांश घरेलू हिंसा और यौन शोषण से संबंधित है।
आयुक्त ने कहा कि गौरवी वन स्टॉप सेन्टर, महिला एवं बाल विकास विभाग की महत्वाकांक्षी गतिविधि है, जिसका उद्देश्य सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं काउन्सलिंग की सुविधा वन स्टॉप सेन्टर में उपलब्ध कराना है। उन्होंने निर्देश दिए कि गौरवी वन स्टॉप सेन्टर की गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि पीड़ित बालिकाएं व महिलाएं इस सेवा का अधिक से अधिक लाभ ले सके। साथ ही सेन्टर पर लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पाक्सो एक्ट), बाल विवाह रोकथाम, शी बॉक्स आदि योजनाओं की जानकारी और संबधित पुलिस थाने के नम्बर सहित आवश्यक दूरभाष नम्बर भी दृश्यपटल पर अंकित किये जाने के निर्देश दिए ताकि आने वाली महिलाएं प्रदर्षित जानकारी का लाभ प्राप्त कर सकें।
उल्लेखनीय है कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा उषा किरण योजना अंतर्गत प्रदेश के चयनित 26 जिलों में वन स्टॉप सेन्टर स्थापित किए गए हैं, जहाँ पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को अस्थायी आश्रय, विधि सहायता, परामर्ष आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। भारत सरकार द्वारा प्रदेष के शेष 25 जिलों में वन स्टॉप सेन्टर स्वीकृत किए गए हैं, जिनके संबंध में विभाग द्वारा आवश्यक
कार्यवाही की जा रही है।